राजस्थान से भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीना ने बड़ा बयान दिया है। सांसद किरोड़ी लाल ने कहा कि पूर्वी राष्ट्रीय नहर परियोजना (ERCP) के लिए पार्टी छोड़नी पड़ी तो छोड़ देंगे। पानी की बहुत जरुरत है।
राजस्थान से भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीना ने बड़ा बयान दिया है। सांसद किरोड़ी लाल ने कहा कि पूर्वी राष्ट्रीय नहर परियोजना (ERCP) के लिए पार्टी छोड़नी पड़ी तो छोड़ देंगे। क्योंकि पूर्वी राजस्थान को पानी की बहुत जरूरत है। सांसद मीना ने आज टोडाभीम के भैरो बाबा लक्खी मेले एवं कुश्ती दंगल समारोह में यह बात कही। सांसद किरोड़ी लाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब बरसात आती है तो मेंडक बाहर निकलते हैं। राज्य में चुनाव आ रहे हैं। इसलिए मेंडक बाहर आएंगे। आप लोगों को बहकाएंगे। बहकने की जरूरत नहीं है। किरोड़ी ने कहा कि जब आपके आरक्षण पर आंच पड़ी तो मंत्री पद छोड़ दिया। इसी प्रकार ईआरसीपी की बात नहीं सुनी तो पार्टी से इस्तीफा दे दिया जाएगा। चिंता करने की जरूरत नहीं है।
10 अगस्त को किया था जयपुर कूच
उल्लेखनीय है कि भाजपा सांसद ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर घेराव के लिए कूच किया था, लेकिन जयपुर से 40 किलोमीटर दूर बस्सी में काफिला रोक दिया गया। सांसद के नेतृत्व में हजारों लोगों का काफिला जयपुर के लिए कूच के लिए रवाना हुआ था। किरोड़ी लाल पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को लेकर लगातार मोर्चा संभाले हुए है। परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने की मांग कर रहे हैं। किरोड़ी लाल ERCP की डीपीआर संशोधित कर केंद्र सरकार को भेजने की मांग गहलोत सरकार से कर रहे हैं। साथ ही, दौसा और आसपास के जिलों के बांधों को योजना में जुड़वाने की मांग कर रहे हैं।
वसुंधरा ने बनाई थी योजना
पूर्वी राष्ट्रीय नहर परियोजना पिछली वसुंधरा सरकार के समय बनी थी। लेकिन बाद में राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया। पीएम मोदी ने जयपुर और अजमेर में आयोजित जनसभा में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की बात कही थी। सीएम गहलोत का आरोप है कि पीएम मोदी ने अपना वादा पूरा नहीं किया है। जबकि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत लगातार संशोधन की मांग कर रहे हैं। सीएम गहलोत का कहना है कि भाजपा ने ही डीपीआर बनाई थी, फिर संशोधन की बात कहा से आ रही है। सीएम का कहना है कि यदि मोदी सरकार प्रोजेक्ट का राष्ट्रीय दर्जा नहीं देते हैं तो राज्य सरकार खुद के खर्चें पर परियोजना को पूरा करेगी।