जनता के हित के लिए अपनी जितनी भी क्षमता है उसका पूरा प्रयोग करेंगें: नवाब सिंह नागर

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Noida News: भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर जिन्होंने डीएनडी टोल फ्री करने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। अब जब सुप्रीम कोर्ट ने डीएनडी टोल को फ्री रखने के आदेश पर मोहर लगा दी तो उन्होंने एक प्रेस वार्ता कर सुप्रीम कोर्ट, फोनरवा, जनहित मोर्चा, मौलिक भारत, मीडिया समेत तमाम उन संस्थाओं को धन्यवाद दिया जिन्होंने डीएनडी टोल फ्री कराने में अपना अहम योगदान दिया है। प्रेस वार्ता के दौरान जनहित मोर्चा के अध्यक्ष अनिल गुप्ता, देहात अध्यक्ष राज कसाना, महामंत्री मनोज कटारिया, मीडिया प्रभारी अमित त्यागी आदि मौजूद रहे। श्री नागर ने बताया कि 2001 में डीएनडी टोल टैक्स शुरू हुआ था जनता की समय बचत के लिए जबकि यहां पर समय की बर्बादी शुरू हो गई थी। लोग आधे-आधे घंटे तक लाइन में खड़े रहते थे। डीएनडी टोल को आपरेट करने के लिए एनटीबीसीएल नामक कंपनी बनाई गई थी। और इसमें नोएडा प्राधिकरण से रिटायर होकर कई अधिकारी शेयर होल्डर बन गए। 408 करोड़ की लागत से बने डीएनडी के शेयर खरीदने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने 800 करोड रुपए दिए थे। नोएडा प्राधिकरण और डीएनडी टोल कंपनी के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत यह सुनिश्चित किया गया था कि प्राधिकरण को हर वर्ष 20प्रतिशत लाभ देना होगा। अग्रीमेंट में इंडिपेंडेंट ऑडिटर का प्रावधान था मगर कंपनी ने उसका उल्लंघन किया। और यह लाभ का कैलकुलेशन ऐसा बनाया कि उससे घाटा दिखाकर जनता से कंपनी टोल वसूलते रहती थी। डीएनडी टोल कंपनी ने नोएडा प्राधिकरण के सामने एक शर्त रखी कि वह या तो नोएडा प्राधिकरण डीएनडी के पास वाली जमीन कंपनी को दे दे वरना 2033 तक नोएडा पर कंपनी का 53000 करोड रुपए बकाया हो जाएगा।
लेकिन भ्रष्टाचार की चरम सीमा को देखते हुए जनहित मोर्चा ने इसके खिलाफ आंदोलन किया और 2016 में हाई कोर्ट से डीएनडी को टोल फ्री करने का आदेश मिला। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि डीएनडी की ओर से जो एग्रीमेंट किया गया था, वह गलत था। उस एग्रीमेंट के तहत कंपनी हमेशा लोगों से टोल वसूल करती रहती। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएनडी टोल के एग्रीमेंट को रद्द कर ठीक किया। गया। इसे सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह मनमाना और गलत फैसला बताते हुए कहा कि दिल्ली-नोएडा डीएनडी फ्लाईवे पर चलने वाले वाहनों से टोल वसूलने के लिए निजी कंपनी एनटीबीसीएल को ठेका देना अनुचित है। इस मामले में नोएडा प्राधिकरण की भी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खिंचाई की गई।
नवाब सिंह नागर ने बताया कि किस तरह एनटीबीसीएल ने उनके और कैप्टन विकास गुप्ता व अशोक कटारिया के उपर 35-35 लाख की पैनाल्टी लगाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की हुई है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण में कार्यरत तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ भी जांच बैठानी चाहिए। साथ ही उन्होंने समस्त जनता, समस्त सामाजिक संस्थाएं सबका आभार जताया और कहा कि वे जनता के हित के लिए अपनी जितनी भी क्षमता है उसका पूरा प्रयोग करेंगे। इस अवसर पर मौजूद तमाम लोगों ने नवाब सिंह नागर का स्वागत किया व श्री नागर ने भी सभी को सम्मानित किया।