NOIDA NEWS: भारत विकास परिषद, नोएडा के तत्वावधान में सेक्टर-19, शनि मैदान, नोएडा में विशाल श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा में श्रीधाम वृन्दावन से पधारे कथा व्यास भागवत रत्न आचार्य श्री मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी महाराज ने चौथे दिन की कथा में बताया कि श्रीमद्भागवत में पुत्र के लिए मां का दर्जा सबसे ऊपर बताया गया है। मां की कृपा पाने वाले व्यक्ति पर सदैव संत-महात्माओं की कृपा रहती है और संतों की कृपा से जीव को परमात्मा की कृपा प्राप्त होती है। अत: मां की सदैव सेवा करते हुए उनकी कृपा प्राप्त करनी चाहिए। जिस घर में मां सुखी होती है, वह घर स्वर्ग के समान बन जाता है।
महाराज श्री ने कहा कि भजन के चार प्रकार बताए गए हैं। प्रथम प्रकार का भजन जीव किसी आशा अथवा लोभ के कारण करता है और प्रभु की शरण में जाता है। द्वितीय प्रकार का भजन किसी प्रकार के भय के कारण किया जाता है। तृतीय प्रकार का भजन जीव अपना कर्तव्य समझकर करता है। परंतु चतुर्थ प्रकार के लोग केवल प्रेम के कारण ही ईश्वर का भजन करते हैं। लोभ अथवा आशा के कारण की जाने वाली भक्ति अधिक समय तक नहीं टिकती।
महाराज श्री ने कहा कि गीता में भगवान ने चार प्रकार के भक्त बताए हैंकृ प्रथम ज्ञानी भक्त, द्वितीय आर्त भक्त, तृतीय जिज्ञासु भक्त तथा चतुर्थ अर्थार्थी भक्त, जो धन की कामना से भक्ति करते हैं। परंतु इन सभी में निष्काम भक्ति को ही श्रेष्ठ बताया गया है। निष्काम भक्ति करने वाले भक्त पर प्रभु की विशेष कृपा होती है।
‘जीवन है तेरे हवाले मुरलिया वाले ‘,
‘तेरे चरण कमल में श्याम लिपट जाऊं रज बन के ‘,
‘तेरी बन जाएगी गोविंद गुण गाए से ‘,
‘जय गोविंदा गोपाला, मुरली मनोहर नंदलाला ‘
जैसे भावपूर्ण एवं सुमधुर भजनों को सुनकर श्रोतागण मंत्रमुग्ध होकर झूमने लगे।






