Noida News: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के अधीन कार्यरत अपैरल मेड-अप्स एंड होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउंसिल (एएमएचएसएससी) ने देशभर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के विस्तार करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य परिधान उद्योग को सर्वश्रेष्ठ कुशल कार्यबल उपलब्ध कराना है। एएमएचएसएससी अब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का विस्तार नोएडा, करूर (तमिलनाडु), गुवाहाटी (असम), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), जयपुर (राजस्थान), मुंबई और सांगली (महाराष्ट्र), अहमदाबाद (गुजरात) और त्रिवेंद्रम (केरल) में शुरू करेगा। बता दें कि अभी एएमएचएसएससी द्वारा नोएडा और तिरुपुर में संचालित किए जा रहे है। इन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अपैरल सेक्टर के लिए एडवांस स्किल की ट्रेनिंग दी जाएगी।
एएमएचएसएससी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. रूपक वशिष्ठ ने पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि परिधान उद्योग में करीब 3.58 करोड़ कार्यबल को रोजगार मिलता है और साल 2025 तक इस सेक्टर में अतिरिक्त 86 लाख स्किल्ड लोगों की जरूरत होगी। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को स्किल्ड करने की जरूरत है।
डॉ. वशिष्ठ ने बताया कि भारत सरकार ने 10,683 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य देश के भीतर मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) परिधान, एमएमएफ कपड़े और तकनीकी कपड़ा उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देना है, जिससे कपड़ा उद्योग इंटरनेशनल लेवल तक और बढ़ सके। जिस तरह से इंडस्ट्री तेजी से बढ़ेगी, उसी हिसाब से इस क्षेत्र में स्किल्ड लोगों की मांग होगी। इसे पूरा करने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।