धर्मांतरण से राष्ट्रांतरण होता है: अनिल आर्य

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Ghaziabad News: बुधवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में अमर बलिदानी स्वामी श्रद्धानंद विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। य़ह कोरोना काल से 685 वाँ वेबिनार था।
वैदिक विद्वान डॉ. रामचन्द्र (संस्कृत विभागाध्यक्ष कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय) ने कहा कि प्रत्येक नगर में हिंदू राष्ट्र मंदिर बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माताओं में सबसे बड़ा नाम है स्वामी श्रद्धानन्द। स्वामी श्रद्धानन्द ने गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना करके प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा का पुनरुद्धार किया।
4 अप्रैल,1919 को जामा मस्जिद की वेदी से वेद मन्त्र के साथ अपना व्याख्यान देकर इतिहास रच दिया। भारत के ही नहीं इस्लाम के इतिहास में ऐसी घटना पहली बार घटी।स्वामी जी महान शिक्षाविद,अद्भुत स्वतंत्रता सेनानी,प्राचीन ज्ञान परम्परा के उद्भावक,दलितोद्धारक,परम ईश्वर भक्त एवं भारतीय भाषाओं के अपूर्व स्नेही थे।स्वामी श्रद्धानन्द केवल इसलिए आदर्श नहीं है कि वह स्वयं महान थे बल्कि उनका व्यक्तित्व इसलिए महान है कि उनके साथ में रहने वाला हर व्यक्ति भी उनकी चेतना से चेतनावान हो जाता है।स्वामी श्रद्धानंद ने आह्वान किया था कि भारत के प्रत्येक नगर में हिन्दू राष्ट्र मन्दिर बने,जिसके द्वार पर गायत्री मंत्र लिखा हो और उसमें गौमाता,सरस्वती माता एवं भूमि माता की पूजा का प्रबंध हो। डॉ. रामचन्द्र ने कहा कि मिस्टर गांधी को महात्मा नाम स्वामी जी ने ही दिया था।बाबासाहेब अम्बेडकर ने 1922 में उन्हें अछूतों का महानतम हितैषी बताया। 30 मार्च,1919 को रौलेट एक्ट के विरोध में शान्ति मार्च का नेतृत्व करते हुए स्वामी श्रद्धानंद की छाती पर अंग्रेजों ने संगीने तान दी थीं।धर्म योद्धा के नेतृत्व का यह क्षण सदा के लिए इतिहास में अमर हो गया। 23 दिसम्बर, 1926 को राष्ट्र धर्म के लिए समर्पित इस महान संन्यासी की अब्दुल रशीद नामक मतान्ध युवक ने तीन गोलियां चलाकर हत्या कर दी। डॉ रामचन्द्र ने कहा कि स्वामी जी के जीवन को जानने के लिए मेरे पिता एवं कल्याण मार्ग का पथिक पुस्तकें पठनीय हैंं।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि धर्मांतरण से राष्ट्रांतरण हो जाता है इसलिए स्वामी जी ने घर वापसी अभियान शुरू किया कि जो लोग किसी कारण से ईसाई या मुसलमान बन गए थे उन्हें पुन: हिन्दू धर्म में दीक्षित किया जा सके।
मुख्य अतिथि आनंद प्रकाश आर्य (हापुड़) व अध्यक्ष आर्य नेता आनंद सिंह आर्य (करनाल) ने भी स्वामी जी के जीवन पर प्रकाश डाला और स्वामी जी के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया।प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया।