NOIDA NEWS: मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर ने नशे, डेटिंग जैसे शौक पूरे करने के लिए खुद के अपहरण की साजिश रची। पहले उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर खुद का अपहरण करवाया। इसके बाद उसने अपने ही मोबाइल से मां को कॉल कर फिरौती मांगी। थाना एक्सप्रेसवे पुलिस ने जांच की। पुलिस ने इंजीनियर शुभम गौड़ और उसके दो दोस्तों संदीप और अंकित को गिरफ्तार कर लिया।
एडीसीपी मनीष मिश्रा ने बताया कि शुभम गौड़ जेपी कॉसमॉस सेक्टर-134 में रहता है। वह टाटा कंसल्टेंसी में काम करता है। 10 सितंबर की रात करीब साढ़े नौ बजे शुभम बिना किसी को बताए सोसायटी से गायब हो गया। फोन बंद आने पर परिजन चिंतित हुए और मध्य प्रदेश आकर थाना एक्सप्रेसवे में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। एक-दो दिन बाद शुभम के मोबाइल से परिजनों को कॉल की गई और शुभम गौड़ को छोडऩे के बदले 50 लाख रुपये की मांग की गई। परिजनों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। एडीसीपी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसमें इलेक्ट्रिक सर्विलांस, इंटेलीजेंस और मुखबिरों को सक्रिय किया गया। जिसके बाद पुलिस ने शुभम गौड़, संदीप और अंकित को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि पूछताछ में पुलिस को पता चला कि शुभम ने अपने परिवार से फिरौती की मोटी रकम ऐंठने के इरादे से यह पूरा खेल रचा था। उन्होंने बताया कि शुभम के पिता का केबल नेटवर्क का कारोबार है, जबकि उसके चाचा का रेस्टोरेंट है और उसके दादा रजिस्ट्रार के पद से रिटायर हो चुके हैं। वह घर में इकलौता बेटा है।
पुलिस को बातचीत पर हुआ शक: पुलिस को तब शक हुआ जब अपहरण की रकम को लेकर बार-बार बातचीत होने लगी। पहले बातचीत लाखों में चल रही थी। इसके बाद वे हजारों में रकम मांगने लगे। पुलिस ने शुभम के फोन को ट्रैक किया तो लोकेशन रेवाड़ी निकली। टीम के साथ छापेमारी कर सभी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस को बताया कि मेवाती गैंग ने पकड़ा: शुभम को उम्मीद थी कि उसके अपहरण की जानकारी मिलने पर उसका परिवार उसे 50 लाख फिरौती के तौर पर देगा। वह इन पैसों से मौज-मस्ती करना चाहता था। शुभम ने शुरू में पुलिस को बताया कि मेवाती गैंग के लोगों ने उसे गांजा चेक करने के बहाने बंधक बनाया और मेवात ले जाकर बंधक बनाकर उसके परिजनों से फिरौती की रकम मांगी।
एक महीने पहले बनी थी योजना: एडीसीपी ने बताया कि शुभम गौड़ ने अपने दोस्त उद्धो निवासी ग्वालियर के साथ मिलकर योजना बनाई। उद्धो के दोस्त अंकित कुमार, संदीप, दीपक ने उसका साथ दिया। योजना के अनुसार 10 सितंबर को अंकित ने अपने मोबाइल से शुभम गौड़ को कॉल कर सेक्टर 134 नंगली पेट्रोल पंप के पास बुलाया। यहां से सभी किराए की ब्रेजा कार में सवार होकर दिल्ली होते हुए हरियाणा और रेवाड़ी पहुंचे। वहां पहुंचकर सबसे पहले शुभम गौड़ के मोबाइल से कॉल कर माता जी को धमकाया। इसके बाद फिरौती मांगी।
ड्रग्स और डेटिंग के लिए चाहिए थे पैसे: शुभम गौड़ ड्रग्स और डेटिंग का शौकीन है। उसे हमेशा पैसों की जरूरत रहती थी। उसके परिजन उसे पैसे नहीं देते थे। वह नोएडा की टीसीएस कंपनी में महज 25 हजार रुपये सैलरी पर काम करता था। ऐसे में पैसों की कमी के कारण वह अपने महंगे शौक पूरे नहीं कर पा रहा था। इसलिए उसने अपहरण का रास्ता चुना। उसने जो दोस्त चुने थे, उन्हें भी पैसों की जरूरत थी। अंकित, जिसकी बहन की फरवरी में शादी थी। उस पर काफी कर्ज था। संदीप, दीपक, उधो को भी पैसों की जरूरत थी।
अच्छे परिवार से है शुभम: एडीसीपी ने बताया कि शुभम कॉसमॉस सोसायटी में एक फ्लैट में किराए पर रह रहा था। शुभम के दादा रजिस्ट्रार थे। उसके पिता का केबल/डिश टीवी का बहुत अच्छा बिजनेस है। शुभम के चाचा का रियल एस्टेट का बिजनेस है। उनका कोई बेटा भी नहीं है। उसने सोचा था कि ऐसा करने से उसके घरवाले उसे पैसे देंगे और वह इन पैसों का इस्तेमाल अपने शौक पूरे करने में करेगा।