NOIDA NEWS: सोमवार को नोएडा प्राधिकरण सीईओ लोकेश एम से मिलने किसान पहुंचे। किसानों का आरोप है कि करीब तीन घंटे तक इंतजार करने के बाद भी सीईओ नहीं आए। इसके बाद किसानों ने अपना आपा खो दिया और लोकेश एम के केबिन के सामने प्रदर्शन करने लगे। मौके पर पहुंची प्राधिकरण और स्थानीय पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया।
वहीं प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि किसानों के साथ बोर्ड रूम में वार्ता की जा रही थी। सीईओ विजिट पर थे। ये बात किसानों को बता दी गई। जिसके बाद किसानों ने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ लूज टॉक किया। यही नहीं बार-बार समझाने के बाद भी वे नहीं माने और प्रदर्शन करने लगे। जबकि उनकी सभी बातों को सुना गया।सुबह करीब 11 बजे भारतीय किसान मंच के पदाधिकारी मांगों को लेकर सीईओ से मिलने प्राधिकरण गए। वहां बोर्ड रूम में उन्हें बैठा दिया गया। इसके बाद प्राधिकरण के ओएसडी महेंद्र प्रसाद, भू लेख ओएसडी अरविंद सिंह, क्रांति शेखर और नियोजन विभाग के उप महाप्रबंधक विजय रावल ने किसानों की समस्या सुनी। उनके सवालों का जवाब दिया गया। इसके बाद किसानों ने सीईओ से मिलने की बात कही। सीईओ विजिट होने पर वे दफ्तर नहीं पहुंचे। जिस पर किसानों ने आपा खोते हुए अधिकारियों के साथ लूज टॉक किया।प्राधिकरण के कॉरिडोर में सीईओ के केबिन के सामने नारेबाजी करने लगे। समझाने के बाद भी वे नहीं माने और वहीं धरने पर बैठ गए। इसके बाद आला अधिकारियों से बातचीत की गई। इस मौके पर पुलिस एसीपी और डीसीपी स्तर के अधिकारियों ने किसानों से बातचीत की। कुछ देर बाद वे दोबारा से बोर्ड रूम में गए। प्राधिकरण अधिकारियों ने कहा कि आप एक डेलिगेशन बना लीजिए, जो प्राधिकरण के सीईओ से मिलेगा। ऐसा करने से भी किसानों ने मना किया। थोड़ी देर बाद किसान वहां से चले गए।
ये है मांग: दरअसल किसान 10 प्रतिशत विकसित भूखंड, आबादी निपटारा और 64.7 प्रतिशत की दर से मुआवजा संबंधित मांग पर क्या प्रगति रिपोर्ट है, ये जानकारी लेने के लिए प्राधिकरण गए थे। हालांकि उन्होंने प्राधिकरण के सीईओ से मिलने के लिए कोई समय नहीं लिया था और न ही उनकी इस संबंध में सीईओ से बातचीत हुई थी।प्राधिकरण ने बताया कि तय कार्यक्रम के तहत सीईओ विजिट पर निकल गए। वहीं किसानों का आरोप है कि जब वे लोग प्राधिकरण पहुंचे तो सीईओ अपने चैंबर में थे। ऐसे में कम से कम एक बार उनको मिलना चाहिए।