NOIDA NEWS: अमिताभकांत समिति की सिफारिशों पर लागू जीरो पीरियड पॉलिसी के तहत फ्लैट खरीदारों को राहत देने के लिए यूपी सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को बिल्डरों की उदासीनता से झटका लग रहा है। नोएडा प्राधिकरण ने ऐसे 27 बिल्डरों को नोटिस जारी किया है, जो पॉलिसी के तहत सहमति देने के बावजूद बकाया रकम जमा करने में नाकाम रहे हैं।
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि यदि बिल्डर जल्द ही बकाया राशि जमा नहीं करते तो उनके जीरो पीरियड लाभ को वापस ले लिया जाएगा। यह नीति फ्लैट खरीदारों को राहत देने के उद्देश्य से लागू की गई थी, लेकिन बिल्डरों की निष्क्रियता ने इस प्रयास को बाधित कर दिया है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि नोटिस प्राप्त करने वाले बिल्डरों में कई ऐसे हैं जिन्होंने या तो पॉलिसी पर सहमति नहीं दी। रजिस्ट्री प्रक्रिया को लंबित रखा या कुल बकाया का केवल आंशिक भुगतान किया। इसके अलावा कुछ बिल्डरों ने 25 प्रतिशत बकाया राशि जमा करने के बाद किश्तों का भुगतान समय पर नहीं किया। नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया कि अब तक 30 बिल्डर जीरो पीरियड पॉलिसी का हिस्सा बने हैं। हालांकि, कई बार की बैठकों और अपीलों के बावजूद कई बिल्डर बकाया राशि चुकाने में उदासीन बने हुए हैं। इसी कारण प्राधिकरण ने नोटिस जारी कर चेतावनी दी है।
बकाया राशि और जीरो पीरियड का असर: दिसंबर 2023 में पॉलिसी लागू होने के समय प्राधिकरण की 57 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं पर करीब 7800 करोड़ रुपये का बकाया था। जीरो पीरियड के दो साल के लाभ से यह राशि लगभग 1500 करोड़ रुपये कम हो गई। बावजूद इसके कई बिल्डर अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं जिससे खरीदारों के हित प्रभावित हो रहे हैं।
खरीदारों की उम्मीदों को झटका: यह स्थिति उन फ्लैट खरीदारों के लिए निराशाजनक है, जो पॉलिसी के तहत राहत की उम्मीद कर रहे थे। प्राधिकरण ने बिल्डरों को अंतिम चेतावनी देते हुए जल्द से जल्द बकाया चुकाने का निर्देश दिया है। अन्यथा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिसमें जीरो पीरियड लाभ की वापसी भी शामिल होगी।