NOIDA NEWS: भारत के व्यापारी अमेरिका को होने वाले अरबों डॉलर के निर्यात के बड़े खतरे को देखते हुए चौकन्ने हैं। अमेरिकी सरकार ने भारत से आयात होने वाले कई उत्पादों पर टैरिफ को दोगुना कर 50% कर दिया है। पहले यह दर 25% थी, लेकिन हालिया फैसले ने सीधे तौर पर भारतीय निर्यातकों, खासकर टेक्सटाइल, फर्नीचर और आर्ट-क्राफ्ट सेक्टर में भारी नुकसान होने की संभावना है। उपरोक्त बातें उत्तरप्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल, नोएडा के चेयरमैन नरेश कुच्छल ने एक वक्तव्य में कही।
नरेश कुच्छल ने कहा कि टैरिफ को लेकर व्यापारियों में हलचल जरूर है, लेकिन भारतीय व्यापारी अमेरिकी कारोबार को भी खतरे में डाल देने की तैयारी में जुट गए हैं।
उन्होंने कहा, अब भारत के व्यापारी अमेरिकी ब्रांड की कंपनियों जैसे कोकाकोला, फैंटा व थम्स अप, पेप्सी, मैकडोनल्ड्स, डोमिनोज पिज्जा, बर्गरकिंग, सब-वे, केएफसी, पिज्जा हट, कैडबरी, ओरियो, कोलगेट, पी एंड जी, जॉनसन एंड जॉनसन, एप्पल, अमेजन, फोर्ड, नाइकी, स्टारबक्स, जिलेट, जनरल मोटर्स एम-वे, मेबेलिन न्यूयार्क कॉस्मेटिक आदि का बहिष्कार करेंगे, जिससे अमरीकी कंपनियों को भी भारत में अरबों डॉलर का नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि नोएडा से अमेरिका को करीब 16 बिलियन का व्यापार है तथा जिसमें 5 बिलियन डॉलर का कपड़ा व्यापार होता है। जब भारतीय व्यापार पर 50प्रतिशत टैरिफ थोप दिया गया है तो बायर्स नए बाजार की तलाश में बांग्लादेश की ओर रूख कर सकते हैं, क्योंकि वहां सिर्फ 20त्न के आसपास ही टैरिफ है।
उन्होंने कहा कि टैरिफ लगाने के बाद तमाम ऑर्डर होल्ड पर चले गए हैं या फिर कैंसिल हो गए हैं। भारतीय निर्यातकों के कई ऑर्डर बांग्लादेश, पाकिस्तान, वियतनाम और कंबोडिया में शिफ्ट हो गए हैं। इन देशों में पर टैरिफ 19 से 36 फीसदी के बीच लगता है, जो भारत के मुकाबले काफी कम है।
