NOIDA NEWS: खरना के बाद गुरुवार को दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को बड़ी संख्या में व्रतियों व छठव्रतियों ने तालाबों में स्नान किया और विधि-विधान से छठ मैया व सूर्यदेव की पूजा की। जिले के 200 से अधिक छठ घाटों पर पांच लाख से अधिक व्रतियों ने शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ मैया की पूजा की। पूजा के दौरान महिलाओं ने ‘कांच के बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत बहंगिया…’ जैसे पारंपरिक गीत भी गुनगुनाए। शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर सभी व्रती 36 घंटे का व्रत तोड़ेंगी।
छठ महापर्व के तीसरे दिन व्रती नए वस्त्र पहनकर व सिर पर टोकरी में पूजा सामग्री रखकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने घाटों पर पहुंचे। व्रती नंगे पांव छठ मैया के गीत गाते हुए अलग-अलग टोलियों में घाट पर पहुंचे। वहां श्रद्धालुओं ने टोली बनाकर छठ मैया की पूजा-अर्चना की। सभी श्रद्धालु शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलेंगे। अर्घ्य देने के लिए प्रतीक्षारत महिलाओं ने सूर्य देव को जल चढ़ाते समय जोर-जोर से उद्घोष कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। अर्घ्य के दौरान श्रद्धालुओं ने सबसे पहले डूबते सूर्य देव को सूप में दाल, नारियल, गन्ना व अन्य पूजन सामग्री अर्पित की। इसके बाद श्रद्धालुओं ने दूध व जल से सूर्य देव को अर्घ्य दिया। ये श्रद्धालु शनिवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपना व्रत समाप्त करेंगे। घर-घर में अर्घ्य शहर में इस बार बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घरों के आंगन, पार्क व छतों पर सूर्य को अर्घ्य दिया। लोगों ने घर पर ही अस्थायी कुंड बनाए और व्रती महिलाओं ने फलों से भरा सूप उठाकर सूर्य को अर्घ्य दिया।
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने घाटों पर पहुंचे: लोगों का मानना है कि भगवान भास्कर ने हमें सबकुछ दिया है। ऐसे में लोग पहले भक्ति भाव से अर्घ्य दे रहे हैं। 36 घंटे के निर्जला व्रत की पवित्रता के साथ पर्व मनाया जा रहा है। छठ महापर्व के तीसरे दिन शाम को व्रती नए वस्त्र पहनकर और सिर पर टोकरी में पूजा सामग्री रखकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने घाटों पर पहुंचे। व्रतियों ने छठ घाटों पर सूर्य को अर्घ्य दिया और मन्नतें मांगी। आज व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे। छठ व्रत रखने वाले व्रतियों ने शुक्रवार शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और पूजा-अर्चना की। शुक्रवार को व्रती सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न करेंगे। इसके साथ ही चार दिवसीय छठ पर्व संपन्न हो जाएगा।
मंदिरों में भी बनाए गए कुंड: शहर के विभिन्न मंदिरों में छठ पूजा के लिए अस्थाई कुंड बनाए गए। इसमें सेक्टर-20 स्थित श्री हनुमान मंदिर में बनाए गए अस्थाई कुंड में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे और डूबते सूर्य को जल अर्पित कर छठ पूजा की। क्या कहते हैं व्रती मेरे लिए सभी व्रतों में छठ व्रत श्रेष्ठ है। मैं कई वर्षों से यह व्रत रखता आ रहा हूँ। मैं अपने परिवार के सुखद भविष्य और समृद्धि की कामना करता हूँ।