Ghaziabad News: सोमवार को आर्य समाज राज नगर, ग़ाजिय़ाबाद के तत्वावधान में 39वाँ वार्षिकोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। जिसके अन्तर्गत गौरव बोध सम्मेलन का आयोजन किया गया। आचार्य शिवदत्त पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे राष्ट्र पर मुग़लों व अंग्रेज़ों का शासन इसीलिये हुआ क्योंकि हमने अपने गौरव का बोध खो दिया था। जब तक हम चिंतन व मनन नहीं करेंगे तब तक हमें गौरव का बोध नहीं होगा। महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती ने हमें सदैव अपनी देशी वस्तुओं पर गौरव का आनंद महसूस करने के लिये प्रेरित किया।
डा. वेदपाल ने कहा कि राष्ट्र की गरिमा को समझना व जानना ही राष्ट्रीय गौरव बोध कहलाता है। कृति के साथ प्र जुड़ जाये तो प्रकृति और वि जुड़ जाये तो विकृति हो जाती है।वि को छोड़कर अच्छे कार्यों से सुशोभित हो तो संस्कृति हो जाती है। राष्ट्र निर्माण व जीवन निर्माण संस्कारों से ही होता है।वोकल को लोकल कहने का प्रयास किसी प्रधानमंत्री ने किया तो सही।ये बातें ही हमें राष्ट्रीय गौरव का बोध कराती है। जिस दिन यह भावना जन-जन में आ जायेगी कि मेरी वृद्धि के साथ-साथ राष्ट्र की समृद्धि भी हो तभी राष्ट्र समृद्ध हो पायेगा। भजनोपदेशक कुलदीप आर्य के मधुर भजनों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रद्धानंद शर्मा ने की स्वागताध्यक्ष ओम प्रकाश आर्य ने सभी का स्वागत किया। मंच का संचालन सत्यवीर चौधरी न किया।धन्यवाद ज्ञापन प्रधान डा. वीरेंद्र नाथ सरदाना के द्वारा दिया गया।
कार्यक्रम में सर्वश्री हरशरण त्यागी, सुभाष चंद गुप्ता, मगन सिंह त्यागी, शिवराज सिंह त्यागी, नारायण स्वरूप चावला, मोती लाल गर्ग, जगदीश चंद्र, सुरेश गर्ग, रविंद्र आत्रेय, शंकरलाल शर्मा, अरविंद त्यागी, ज्ञानेंद्र आत्रेय, नित्यानंद कंसल, मनोज चौहान, डा. सुरेंद्र सिंह, सुधीर धमीजा, चमन वीर सिंह, विवेक टंडन, डा. अशोक रस्तोगी, हिमांशु आर्य, वीरेश वर्मा, कैप्टन ओमप्रकाश शर्मा, ओम दत्त शर्मा, के. के. अरोरा, ऊषा गर्ग, सुमित्रा कंसल, आशा चौधरी, सुधा गुप्ता व नीरू अग्रवाल, प्रवीण आर्य तथा विभिन्न आर्य समाजों से महानुभाव सम्मिलित हुए।