Noida: सांस के रोगियों के लिए ऐसी ठंड और ज्यादा मुश्किल भरी हो सकती है अगर उन्होंने अपना सही से ख्याल न रखा तो। कड़ाके की ठंड में अस्थमा अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है ठंड में प्रदूषण और कम तापमान सांस के मरीजों के लिए नुकसानदेह है। फेलिक्स हॉस्पिटल के फिजिशियन डॉ नूपुर जैन का कहना है कि बढ़ती ठंड के कारण सांस की बीमारी से पीडि़त मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। ठंडी हवा शुष्क ज्यादा होती है। उसमें नमी बहुत कम होती है। जब अस्थमा से पीडि़त मरीज हवा में सांस लेता है तो वायु मार्ग को खुला रखने का प्रयास करते समय अंदर की मांसपेशियां ऐंठने लगती हैं। इसके कारण घरघराहट, सांस की तकलीफ और खांसी की परेशानी होती है। तेजी से सांस लेना, बलगम के साथ खांसी आना। सीने में इंफेक्शन होना, सीने में जोरदार जकडऩ, कोल्ड, फ्लू, कमजोरी रहने के लक्षण दिखने पर सावधान हो जाए। डॉक्टर से संपर्क कर इलाज कराएं। अस्थमा अटैक के दौरान बिना देरी अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर से परामर्श के बाद समय पर नियमित दवाई लें। बगैर सलाह के कोई भी दवाई का सेवन करने से बचें। इससे फायदा कम और नुकसान की आशंका ज्यादा रहती है। अपने इन्हेलर का इस्तेमाल करें। कॉपी, सूप जैसी गर्म चीजों का सेवन करें। इससे सांस लेने की नलियां कुछ घंटों के लिए खुल जाएंगी। सर्दियों में बढ़ी हुई ठंड और प्रदूषण के कारण सांस की नलियां सिकुड़ जाती हैं। उनमें सूजन आ जाती है। इससे फेफड़े छलनी होने लगते हैं। इस कारण सांस में रुकावट होने लगती है। धीरे-धीरे सांस लेने में परेशानी होती है। कई मरीजों को भर्ती कर उपचार करना पड़ रहा है। बच्चों और बुजुर्गों को फ्लू का टीका जरूर लगवाएं। हमेशा गर्म कपड़े पहनें और बाहर निकलने पर नाक और मुंह को जरूर कवर करें। अस्थमा और काला दमा पीडि़तों के कमरे में अंदर धूपबत्ती न जलाएं। घरों में अंगीठी, हीटर आदि के प्रदूषण से काला दमा के मरीज की तबीयत बिगड़ सकती है। दमा से पीडि़त लोगों को प्रतिदिन व्यायाम करें। ठंड से श्वास नलिकाओं सिकुड़ जाती हैं। कई बार इन नलिकाओं में इतना ज्यादा संकुचन हो जाता है कि नली एकदम पतली या कहें कि ब्?लॉक ही हो जाती है। जिसकी वजह से मरीज को सांस लेने में बहुत ज्यादा परेशानी होती है और इस वजह से अस्?थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है। लगातार गिरते तापमान के साथ ही अगर ठंडी हवाएं भी चल रही हो, तो बाहर टहलने या व्यायाम करने की जगह घर में हल्की-फुल्की जरूरी एक्सरसाइजेस कर लें। ऐसा इसलिए क्योंकि बाहर का मौसम या फिर जिम में होने वाली नमी आपके लिए दिक्कत पैदा कर सकती है। मौसम में गर्माहट होने पर ही बाहर निकलें। नियमित रूप से घर की भी साफ-सफाई करते रहें।