एटीएम बदलकर ठगी करने वाला गिरफ्तार, 139 एटीएम कार्ड बरामद

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NOIDA NEWS: धोखाधड़ी से एटीएम कार्ड बदलकर पैसा निकालने वाले एक आरोपी को फेज-2 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके पास से अलग-अलग बैंकों के 139 एटीएम कार्ड बरामद किए गए है। ये अक्सर मजदूर वर्ग और कंपनी में काम करने वाले लेबर क्लास के लोगों के साथ धोखा करता था। जिसके लिए ये पहले उन लोगों की रैकी करता था। डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि ये विगत दो महीने से एक्टिव है और 15 से ज्यादा वारदात कर चुका है।
डीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया लगातार शिकायत मिलने के बाद पुलिस एक्टिव थी। 50 ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक करने के बाद आरोपी पहचान हो सकी। इसी दौरान मुखबिर से जानकारी मिलने पर आरोपी को पुरानी कोर्ट मार्केट में आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम के पास से गिरफ्तार किया गया। इसकी पहचान राहुल कुमार पुत्र वीरेंद्र सिंह निवासी हबीबपुर ग्रेटरनोएडा हुई है। इसका एक साथी अभी फरार है। ये लोग उन एटीएम पर जाते थे जहां गार्ड व सीसीटीवी कैमरे नहीं होते थे। ताकि अपनी पहचान छिपा सके।
डीसीपी ने बताया कि राहुल तीसरी क्लास तक पढ़ा है। बिहार में गाड़ी चलाता था। ज्यादा पैसों के लालच में विगत दो साल से इस तरह की धोखाधड़ी कर रहा है। ये जिस भी व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी करता था। उसका एटीएम अपने पास रख लेता था। उस एटीएम का प्रयोग अगले शिकार के लिए करता था। इसके पास देश के लगभग सभी प्रमुख बैंकों के एटीएम थे। पूछताछ में बताया कि नोएडा में मजदूर और कम्पनी में काम करने वाले लोग अधिक संख्या में है। इन मजदूरों को 1 से 10 तारीख के बीच में सैलरी मिलती है। ये लोग हर महीने दैनिक खर्चा के लिये एटीएम से पैसा निकालते है। ऐसे ही लोगों की रैकी करता था। उनको अपना शिकार बनाते थे।
कैसे करते थे ठगी
एटीएम मशीन के पास खड़े होकर उन व्यक्तियों का इंतजार करता था जो व्यक्ति अकेले आते थे कम पढ़े लिखे होते थे। अक्सर ऐसे लोगों को एटीएम का प्रयोग करना नहीं आता है। जब ये अपने एटीएम कार्ड से पैसा निकालने के लिए एटीएम मशीन में पिन डालते थे। चुपके से इनका पिन देख लेता था। मदद के बहाने धोखे से उनका एटीएम अपने पास उपलब्ध एटीएम से बदल लेता था। ऐसा करने से उस व्यक्ति को शक भी नहीं होता था। खास बात ये है पीड़ित को उसी बैंक का एटीएम देता था जिसका प्रयोग वो करता था। एटीएम खराब होने या पैसा खत्म हो जाने के बहाना बना देता था। जिससे वह व्यक्ति बदले हुए एटीएम कार्ड को अपना असली एटीएम समझकर वहां से चला जाता था। उसके तुरन्त बाद में दूसरे एटीएम जाकर 10-15 हजार रुपए निकाल लेता था। उस एटीएम कार्ड को किसी और को धोखा देने के लिये रख लेता था।