नेताजी के रहते चैन की नींद नहीं सो पाए अंग्रेजी हुक्मरान: पंडित रवि शर्मा

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Noida: तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा और जय हिन्द जैसे करिश्माई नारों से देश की आजादी की लड़ाई में नई ऊर्जा भरने वाले नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 127 वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सेक्टर 22 आरडब्लूए संरक्षक व ब्राह्मण रक्षा दल के मुख्य संरक्षक पंडित रवि शर्मा ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल है, जिनसे आज के दौर का युवा वर्ग प्रेरणा लेता है। देश के स्वाधीनता आंदोलन के नायकों में से एक नेताजी की जीवनी, उनके विचार और उनका कठोर त्याग आज के युवाओं के लिए बेहद प्रेरणादायक है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनेक महापुरुषों ने अपना योगदान दिया था जिनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम पहली पंक्ति में है। सुभाष चंद्र बोस ने भारत के लिए पूर्ण स्वराज का सपना देखा था। भारत को गुलामी की बेडिय़ों से आजाद कराने के लिए उन्होंने कई आंदोलन किए और इसकी वजह से नेताजी को कई बार जेल भी जाना पड़ा। उन्होंने अपने वीरतापूर्ण कार्यों से अंग्रेज़ी सरकार की नींव को हिलाकर रख दिया था। जब तक नेताजी रहे, तब तक अंग्रेज़ी हुक्मरान चैन की नींद नहीं सो पाए। ऐसे तो हमें अंग्रजी हुकूमत से आज़ादी 15 अगस्त 1947 को मिली, लेकिन करीब 4 साल पहले ही सुभाष चंद्र बोस ने हिन्दुस्तान की पहली सरकार का गठन कर दिया था। उस वक्त भारत पर अंग्रेजों का राज था, लेकिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 21 अक्टुबर 1943 को वो कारनामा कर दिखाया, जिसे अब तक किसी ने करने के बारे में सोचा तक नहीं था। उन्होंने आजादी से पहले ही सिंगापुर में आजाद हिंद सरकार की स्थापना की, नेताजी ने इस सरकार के जरिए अंग्रेजों को साफ कर दिया कि अब भारत में उनकी सरकार का कोई अस्तित्व नहीं है और भारतवासी अपनी सरकार चलाने में पूरी तरह से सक्षम हैं। आजाद हिंद सरकार के बनने से आजादी की लड़ाई में एक नए जोश का संचार हुआ। 18 अगस्त 1945 को ताइपेई में हुए एक विमान दुर्घटना में नेताजी लापता हो गए। जो कि आज भी दुनिया के लिए रहस्य बना हुआ है।