NOIDA NEWS: थाना फेस 1 पुलिस और साइबर हेल्पलाइन मुख्यालय की टीम ने बुधवार को सेक्टर-6 में छापा मारकर फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें छह महिलाएं और गिरोह का सरगना भी हैं। गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। आरोपी लोगों को लोन दिलवाने का झांसा देकर ठगी करते थे। वे खुद को बैंक का कर्मचारी बनकर लोगों से संपर्क करते थे।
एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि सेक्टर-6 के सी ब्लॉक में चल रहे कॉल सेंटर के जरिए लोगों को लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने की सूचना मिली थी। ऐसी शिकायतें पूर्व में भी मिल रही थीं। इस पर पुलिस ने छापा मारकर हसीन, विकास, राजेश, आशीष, वारिस अली, सोहिल, सलमान, आशुतोष, निशा, सुगरा फातिमा, सुरभि, ट्विंकल, कुसुम, खुशबू आदि को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मौके से छह कीपैड मोबाइल फोन, चार स्मार्ट मोबाइल, 74 सेट कॉलिंग डाटा, 11 लाख रुपये बरामद किए। आरोपी मोबाइल के माध्यम से लोगों से संपर्क कर खुद को कोटक महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक का कर्मचारी बताते थे। आरोपी पॉलिसी पर मॉर्टगेज लोन दिलवाने का आश्वासन देते थे। इसके अलावा कस्टमर से पॉलिसी लैप्स होने की वजह से किस्त फिर से शुरू कराने, एडवांस लोन दिलाने, आरटीजीएस चार्ज लोन अप्रूवल करने के लिए फाइल चार्ज प्रोसेसिंग फीस और अन्य खर्च बातकर रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते थे। इसके बाद यह फर्जी लोन अप्रूवल की डिजिटल कॉपी ई-मेल और व्हाट्सएप के माध्यम से कस्टमर को भेज देते थे। लोन अप्रूवल होने का दावा कर आरोपी लोगों से रुपये फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कराते थे। जैसा ग्राहक होता था, वैसी ही रकम आरोपी उससे वसूलते थे।
इंश्योरेंस कंपनी में काम करता था सरगना: पुलिस के अनुसार आरोपी हसीन गिरोह का सरगना है। वह पहले इंश्योरेंस कंपनी में काम करता था। नौकरी छोडऩे के बाद वह वहां से कस्टमर का डाटा अपने साथ ले आया। आरोपी हसीन ने बेरोजगार युवकों को दस से 15 हजार रुपये की नौकरी पर रखा था। ठगी का एक हिस्सा भी बतौर कमीशन कर्मचारियों को सरगना की ओर से दिया जाता था। ठगी के लिए आरोपियों ने कई जगह एजेंट भी बना रखे थे, जो इन्हें ग्राहक मुहैया कराते थे।
सैकड़ों लोगों को नुकसान पहुंचाया: पुलिस के मुताबिक गिरोह के आरोपी अब तक सैकड़ों लोगों को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा चुके हैं। कितने लोगों के साथ आरोपियों ने कितनी ठगी की है, इसकी जानकारी की जा रही है। आरोपियों के कब्जे से बरामद मोबाइल और कॉलिंग डाटा की भी जांच की जा रही है। नोएडा समेत पश्चिमी यूपी के लोग गिरोह के निशाने पर होते थे। पूर्व में भी थाना क्षेत्र में ऐसा गिरोह पकड़ा जा चुका है।