Ghaziabad: आर्य समाज एटीएस एडवांटेज इंदिरापुरम का वार्षिकोत्सव डा वीरपाल विद्यालंकार के सानिध्य में सौललास संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य महेन्द्र भाई के ब्रह्मत्व में बहुकुण्डीये यज्ञ से हुआ जिसमें राष्ट्र की सुख समृद्धि व शान्ति की प्रार्थना की गई उन्होंने आगे कहा कि अपना भविष्य जानने के लिए दूर दूर भटकना अज्ञानता है संसार में बहुत लोग अपना भाग्य या भविष्य जानने को उत्सुक रहते हैं। कोई सुबह-सुबह टेलीविजन पर देखता है कि आप का आज का भविष्य कैसा रहेगा? कोई सुबह-सुबह अखबार देखता है. कोई दिन में ज्योतिषियों के आगे पीछे चक्कर काटता है। दूर-दूर तक लोग ज्योतिषियों के पास अपना भविष्य जानने के लिए भटकते देखे गए हैं।यह भविष्यफल सब झूठ और पाखंड है।दूसरों का भविष्य बताने वाले ये ज्योतिषी खुद बेचारे आज भटक रहे हैं। आप जो सुबह से शाम तक पुरुषार्थ करते हैं,प्रयत्न करते हैं, अच्छी बुरी योजनाएं बनाते हैं, उसके अनुसार अच्छे बुरे कर्म करते हैं।इन्हीं कर्मों से आपका भाग्य बनता है।भाग्य क्या है ? आपके अपने कर्म का फल।तो कर्म करने में आप स्वतंत्र हैं। इसका अर्थ हुआ कि आप रोज अपना भाग्य स्वयं बनाते हैं। तो आप स्वयं जानते हैं मेरा भाग्य कैसा है! क्योंकि वह आपने स्वयं ही बनाया है। इसलिए उसे जानने के लिए इधर-उधर भटकने की कोई आवश्यकता नहीं है।अपने कर्मों को सुधारें,आपका भविष्य और भाग्य बहुत उत्तम होगा । इसलिए बुद्धि से विचार कर के सही निर्णय लेना चाहिए। सत्य को स्वीकार करना चाहिए। दुखों से बचकर आनंद से जीवन जीना चाहिए।
मुख्य अतिथि केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने अपने संदेश में कहा कि धर्म परिवर्तन गंभीर प्रश्न है क्योंकि धर्मान्तरण से सोच निष्ठा बदलने से राष्ट्रन्तरन हो जाता है।आज नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति के गौरव शाली इतिहास को बताने व पढ़ाने की आवश्कता है।यदि उनमे राष्ट्रीय स्वाभिमान जागृत होगा तो फिर धर्म परिवर्तन भी नहीं होगा।मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व योगीराज श्री कृष्ण भारतीय संस्कृति के आधार स्तंभ है उनका पूरा जीवन चरित्र निष्कलंक व अनुकरणीय है।इसी तरह यह आजादी कैसे मिली यह भी बताने की आवश्यकता है कि कितनों ने बलिदान दिये तब जाकर देश स्वतंत्र हुआ जिससे वह आजादी की कीमत को समझ सके।आज संस्कारों का भी अभाव दिखाई देता है जबकि संस्कारवान व चरित्रवान युवा ही राष्ट्र की नीव है इस दिशा में भी काम करने की आवश्यकता है।
समाजसेवी चौधरी मंगल सिंह ने कहा कि मिशन 125 वर्ष स्वस्थ जीवन स्वस्थ भारत जीवित रहने के लिए सांस पानी व भोजन मात्र तीन चीजों की आवश्यकता है लंबे सांस ले लें व पानी अधिक पी लें,भोजन जैविक लें तो हम 125 वर्ष स्वस्थ जीवित रह सकते हैं।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके आदर्श अपनाने का आह्वान किया। समाजसेवी विनोद त्यागी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की व प्रधान देवेन्द्र गुप्ता ने कुशल मंच संचालन किया। वैदिक विद्वान आचार्य विजय भूषण आर्य,केंद्रीय आर्य युवक परिषद के जिला अध्यक्ष यज्ञ वीर चौहान, प्रमोद चौधरी आदि ने अपने विचार रखे।
आर्य गायिका संगीत विषारद सुदेश आर्य व सुमन जी एवं साथी कलाकारों के साजबाज पर मधुर भजन हुए।
प्रमुख रूप से ममता चौहान, सुरेश आर्य, विनीत भगत, नरेश चंद्र, योगेश गुप्ता, विजय छाबड़ा, प्रदीप त्यागी, राज कुमार, विजय भारती, परवेश त्रेहन, डा शिप्रा गुप्ता, अभिषेक गुप्ता, डॉ. कल्पना रस्तोगी आदि उपस्थित थे।