महर्षि दयानन्द ने महिलाओं को अधिकार दिये: विमलेश बंसल

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Ghaziabad: शुक्रवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के 45 वें वार्षिकोत्सव पर त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय आर्य महा वेबिनार का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक विद्वान आचार्य अखिलेशवर जी ने यज्ञ से किया उन्होंने कहा कि वैदिक संस्कृति पुरातन व सर्वश्रेष्ठ है।
द्वितीय सत्र में “अंतरराष्ट्रीय आर्य महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता आचार्य विमलेश बंसल ने नारी सशक्तिकरण पर जोर देते हुए सभी को स्वामी दयानंद जी के पदचिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित किया तथा नारियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।उन्होंने कहा कि आर्य समाज ने बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियों को बंद किया और विधवाओं को पुनर्विवाह के अधिकार दिऐ।
मॉरीशस से वैदिक विदुषी आर्य वती ने बताया की नारियों के अंदर प्रबल शक्ति है उन शक्तियों का प्रयोग कर नारी अपने परिवार,अपने राष्ट्र,अपने धर्म के प्रति आगे बढ़कर कार्य करने को प्रोत्साहित होती है।उन्होंने स्वामी दयानंद जी का भी धन्यवाद करते हुए उन्हें नमन किया।उन्होंने अपने विचारों में सब को बताया कि नारी तू आत्मनिरीक्षण कर और सबको आर्य बना।
न्यूजीलैंड से उर्मिला सचदेवा ने बताया कि आर्य समाज ही एक ऐसी संस्था है जहां पर नर और नारी सभी को समान रूप से सम्मान प्राप्त होता है।नारी शक्ति की देवी है,नारी तू आगे बढ़।डॉ सुषमा आर्य जी ने भी सबको आशीर्वचन देते हुए सबको स्वस्थ और मंगलकारी रहने की प्रार्थना करते हुए अपने विचार रखें। उन्होंने बताया की यदि नारी स्वस्थ है तो पूरा परिवार स्वस्थ और निरोगी रह सकता है।
नैरोबी से कमलेश मोंगा ने अपने सुंदर विचारों द्वारा स्वामी जी का धन्यवाद किया और नारियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
ऑस्ट्रेलिया से प्रेम हंस ने स्वामी दयानंद जी की विचारधारा को वेदों के चार स्तंभ के आधार पर रखते हुए बताया कि समानता, वसुदेव कुटुंबकम,किसी भी कार्य का प्रमाण रूप और धर्म के वास्तविक स्वरूप इन विचारों को अपनाएं।उन्होंने बताया कि धर्म के लक्षणों को जीवन में उतार कर हमें आगे बढ़ना होगा।नारी को अपने बच्चों को गर्भ से ही अच्छे संस्कार देना प्रारंभ कर देना चाहिए।
कार्यक्रम संचालक श्रुति सेतिया ने नारियों को आगे बढ़ने की दिशा में प्रेरणा देते हुए अपने सुंदर विचार रखें तथा एक प्रेरणादाई कविता भी सुनाई।
गायिका पिंकी आर्य, जनक अरोड़ा, प्रतिभा कटारिया, उर्मिला आर्य, राम देवी, रजनी गर्ग मधुर भजनों के द्वारा सभी का मन मोह लिया।श्रुति सेतिया ने नारियों को आगे बढ़ने और समाज को जागृत रहने की दिशा में अपने विचार रखें और भजन द्वारा स्वामी दयानंद जी को भी नमन किया। दे माता चंद्रकांता आर्य जी द्वारा शांति पाठ के साथ कार्यक्रम संपन्न कराया गया।केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के अध्यक्ष अनिल आर्य व प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया।