गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में “योग की महत्ता” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता आचार्या ज्योति आर्या (जींद) ने कहा कि योग तनाव व चिंता मुक्ति का साधन है। योग जीवन में उन्नति की ओर अग्रसर करता है। योग मन,शरीर व आत्मा को नियंत्रित करता है यह सभी के लिए हितकारी है। यह भौतिक व मानसिक नियंत्रण करके शांति प्रदान करता है। योग का अंतिम लक्ष्य व्यक्ति को स्वयं से ऊपर उठा कर जीवन के लक्ष्य ज्ञानोदय के लिए तयार करना है।व्यक्ति जब सभी इच्छाओं से स्वतन्त्र होकर स्वयं में लीन हो जाता है तभी योगी कहलाता है। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि योग जीवन में सर्वोच्च सुख प्राप्त करने का साधन है।
मुख्य अतिथि ईश आर्य (प्रांतीय प्रभारी पतंजलि योग समिति हरियाणा) व अध्यक्ष योगाचार्या रजनी चुघ ने भी योग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग को दैनिक दिनचर्या का अंग बनाकर तन मन से स्वस्थ रहना चाहिए।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने पानी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज पानी कम पीने के कारण हमें एसिडिटी,कमर व घुटनों में दर्द रहता है।यदि हम पानी की मात्रा 20 किग्रा प्रति व्यक्ति वजन पर एक लीटर के हिसाब से प्रतिदिन पीएं तो हम उपरोक्त रोग से मुक्त हो सकते हैं,40 किग्रा पर 2 लीटर,100 या उससे कितना भी अधिक हो 5 लीटर पानी अधिकतम मात्रा में सिप सिप कर पीना चाहिए। पानी शरीर में ट्रांसपोर्ट का कार्य करता है,जो कुछ हम खाते हैं उसे आगे धकेलता है। खाने के तुरन्त बाद पानी नहीं पीना है अपितु 45 मिनट बाद पीना है जिससे हमारा पाचन तंत्र सुचारू रूप से काम करेगा और हम स्वस्थ रहेंगे,फेस पर ग्लो रहेगा,ध्यान रहे पानी एल्कालाइन हो और उसका टीडीएस 150 से 250 होना चाहिए।
गायिका कौशल्या अरोड़ा, ईश्वर देवी, कमला हंस, कमलेश चांदना, सरला बजाज, ललिता धवन (बंगलौर), जनक अरोड़ा (पानीपत), कुसुम भंडारी आदि के मधुर भजन हुए।