मारवाह स्टूडियो में दो दिवसीय आयरिश फि़ल्म फेस्टिवल का उद्घाटन

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Noida: मारवाह स्टूडियो में दो दिवसीय आयरिश फि़ल्म फेस्टिवल का उद्घाटन किया गया जिसमें आयरिश फिल्मे दिखाई जाएंगी। साथ ही एक नए 115 वें  बैच की शुरुआत हुई। इस अवसर पर आयरलैंड के राजदूत ब्रेंडन वार्ड, आयरलैंड के प्रसिद्ध अभिनेता सिराज जैदी, हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता अतुल तिवारी, फिल्म निर्माता और निर्देशक नीलेश मल्होत्रा, पूर्व आईएएस, कुलाधिपति, सुभारती विश्वविद्यालय स्तुति कक्कड़ उपस्थित हुए। डॉ संदीप मारवाह ने कहा कि इस फेस्टिवल का आगाज़ करके मुझे बेहद ख़ुशी हो रही है क्योंकि इन फिल्मो में न सिर्फ मनोरंजन है बल्कि अपने देश के प्रति प्रेम और जज़्बा भी दिखाई देता है। अतुल तिवारी ने कहा कि भारत और आयरलैंड के रिश्तों के बारे में बताया कि हमारे रिश्तों की मिठास आज की नही बल्कि आज़ादी से पहले की है, ओर सबसे बड़ी बात हमारे देश के झंडे ओर आयरलैंड के झंडे में जो कलर दिए है वो दोनों एक जैसे है बेशक अशोकचक्र का भेद है। आयरलैंड में पिछले कई वर्षो  से हर वर्ष हिंदी फिल्म फेस्टिवल होता है और आज से इस रिश्ते की नई  शुरुआत हो गई अब से नोएडा में भी इस फेस्टिवल का आयोजन किया जायेगा है क्योंकि संदीप मारवाह ने इस फेस्टीवल को घर और छत दे दी है। नीलेश मल्होत्रा ने कहा कि आज सिराज जैदी का सपना पूरा हो गया दो दिन के इस फेस्टिवल में कई फिल्मे दिखाई जाएगी। इस अवसर पर फि़ल्म कलाकार सिराज जैदी ने कहा कि आज हम दो आयरिश फिल्में माइकल कोलिन्स और  हलाल डैडी  दिखा रहे है दोनों ही फिल्में देशभक्ति के ऊपर है  माइकल कोलिन्स  उस क्रांतिकारी की कहानी है जिसने बिर्टिश के खिलाफ पहली बार हथियार उठाया और आयरलैंड को दिखा दिया कि हमारा भी अस्तित्व है । स्तूति ककड़ ने कहा कि फिल्मे एक ऐसा जरिया है जो विश्व की सोच में बदलाव ला सकता है और ला रहा है। इस अवसर पर आयरिश के अम्बेसडर ब्रेंडन वार्ड ने कहा कि आज मुझको बहुत खुशी है कि अब भारतीय छात्रों को भी आयरिश फि़ल्म देखने को मिलेगी साथ ही वो हमारी तकनीक व संस्कृति  से रूबरू होंगे। इसके साथ ही तनीषा बक्शी की पेंटिंग प्रदेशनी का भी उदघाटन किया गया जिसमे माँ और बच्चे के बीच ममत्व और संवेदना को बहुत ही खूबसूरती से उकेरा गया है। इस अवसर पर संदीप मारवाह ने तीन महीने की स्कॉलरशिप प्रदान की जिसमे आयरलैंड  और मारवाह स्टूडियो के छात्र तीन महीने का एक्टिंग, एडिटिंग कोर्स कर सकेंगे जिससे एक दूसरे देश की फिल्मों की तकनीक  सीखने को मिलेगी  व  संस्कृति देखने को मिलेगी।