सर्दियों में फिजिकल एक्टिविटी कम होने से मांसपेशियों में बढ़ा दर्द: डॉ केशव गोयल

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NOIDA NEWS: सर्दी के मौसम में कई इंफेक्शन्स के साथ हड्डियों में दर्द की समस्या भी बड़ी है। खासतौर पर उम्र बढऩे के साथ खासकर महिलाओं में यह दिक्कत आम हो जाती है। जैसे-जैसे कंपकंपाने वाली ठंड बढ़ती है, वैसे-वैसे लोगों में जोड़ों के दर्द की परेशानियां भी बढऩे लगी है। फेलिक्स हॉस्पिटल के डॉ केशव गोयल (हड्डी रोग विशेषज्ञ) बताते हैं कि ठंड के मौसम में लोग फिजिकल एक्टिविटी गर्मियों के मुकाबले कम करते हैं। जिससे हड्डी अकडऩे के साथ कमजोर हो जाती है। ऐसे में विटामिन-डी हड्डियों की सेहत के लिए लाभदायक हो सकता है। ठंड के मौसम में वृद्धों में हड्डी संबंधी बीमारियां बढ़ गई हैं। जोड़ों का दर्द परेशानी का सबब बन गया है। पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं मिलने से इस तरह की बीमारियों का प्रकोप बढ़ता है। ठंड में बच्चों में रीकेट नामक व व्यस्कों में ओस्टोमलेशिया नामक बीमारी बढ़ती है। ठंड में घुटने, कमर, पीठ व शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द की शिकायत बढ़ जाती है। असावधानी के कारण दर्द पर नियंत्रण नहीं हो पाता है। अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाय तो जाड़े में भी इस तरह की बीमारियों से छुटकारा संभव है। ठंड में लकवा व हृदय रोग का भी खतरा रहता है। इससे बचाव के लिए रक्तचाप की नियमित जांच व डाक्टर से परामर्श लेनी चाहिए। सर्दी का मौसम शुरू होते ही जिले में रोगियों की संख्या में वृद्धि होने लगी है। सर्दियों में हड्डी रोगों की दिक्कतें ज्यादा हो जाती है। उन्हें समय पर दवाई लेने और व्यायाम के साथ-साथ धूप सेंकने की सलाह दी जा रही है। मरीज का स्किन सूरज की किरणों के संपर्क में आती है, तो हमारा शरीर विटामिन-डी बनाता है, जिससे हड्डियां मजबूत रहती हैं। लेकिन सर्दियों में धूप कम देर तक रहती है इसलिए शरीर इसे ठीक से नहीं बना पाता है। बढ़ती उम्र के साथ भी ठंड में हड्डियों में दर्द शुरू हो जाता है। इसलिए ऐसे लोगों को समय-समय पर गर्म तेल से मालिश करनी चाहिए। मालिश से हड्डियों को गर्माहट मिलती है, जिससे नसों की सिकुडऩ कम हो जाती है और दर्द से राहत मिलने लगती है। इसके अलावा ठंड के मौसम में गुनगुने पानी से नहाना चाहिए। गर्म पानी शरीर की अकडऩ को दूर कर उसमें लचीलापन बनाए रखता है। शरीर को फिजिकली एक्टिव रखने से हड्डियां कमजोर नहीं पड़ती और लचीली भी रहती हैं। वर्कआउट से हड्डियों में मजबूती आती है और वह सेहतमंद रहती हैं। यहां तक कि सर्दियों में भी रोजाना वर्कआउट करना चाहिए। सैर के साथ वर्कआउट भी जरूरी होता है। इससे न सिर्फ शरीर को फायदा पहुंचता है, बल्कि मानसिक क्षमता भी बढ़ती है, जिससे तनाव दूर रहता है। वेट ट्रेनिंग के साथ चलना, दौडऩा, सीढिय़ां चढऩा जैसी चीजें भी कर सकते हैं। हड्डियों की सेहत के अहम पोषक तत्वों को जरूर लें। विटामिन-डी और कैल्शियम दो ऐसे पोषक तत्व हैं, जो हड्डियों को मजबूती देते हैं। खाने में ऐसी चीजें खाएं जो विटामिन-डी, कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन-सी, प्री-बायोटिक और विटामिन-के से भरपूर हों। एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे रहने से शरीर अकड़ जाता है। इस दौरान अपनी पीठ और हड्डियों को सही पॉश्चर में रखने से हड्डी की सेहत अच्छी रहती है। स्मोक करने से हड्डियां नाजुक हो जाती हैं, जिसकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए हड्डियों की मजबूती के लिए स्मोकिंग छोड़ दें।