Noida: फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ डी. के. गुप्ता को आधी रात एक फ़ोन कॉल ने परेशान कर दिया जब उन्हें एक बहुत बीमार अनजान व्यक्ति के बारे में पता चला। एक समाज सेवी ने उन्हें फ़ोन करके अवगत करवाया कि एक लावारिस व्यक्ति का पैर बुरी तरह सड चूका है , उनके पैर में कीड़े पड़ गए है और उनकी हालत बहुत गंभीर है। मरीज असहनीय पीड़ा से गुजऱ रहा है और उनके लिए किसी भी अस्पताल का दरवाजा खुला। व्यक्ति की हालत का पता चलते हुए डॉ गुप्ता ने फ़ौरन उसे अस्पताल बुला कर भर्ती करवाया , मनोज (काल्पनिक नाम) असहनीय पीड़ा से गुजऱ रहा था 7 उसकी पैर में इतने कीड़े थे कि वो अस्पताल के कमरे से बाहर तक आ रहे थे। डॉक्टर्स ने उसकी हालत देखी और मरीज को दवा दे कर उसकी पीड़ा को कम किया। भर्ती करने के बाद पैर की ड्रेसिंग की गई है।अब डॉक्टर को रोगी के लिए मुश्किल फैसला लेना था। सभी जांचों के बाद पाया गया कि मरीज का इन्फेक्शन बहुत ज्यादा फेल चुका है उसके पैर को काटना ही एक उपाय बचा था। डॉक्टर ने सभी उपायों के बाद ये मुश्किल फैसला लिया। डॉ. मयंक (प्लास्टिक सर्जन) एवं उनकी टीम की देखरेख में मरीज की सर्जरी हुयी। मरीज की सफल सर्जरी के बाद उसको डॉक्टर्स की देखरेख में रखा गया। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और खुश है।
किसी ने सच ही कहा है जिसका कोई नहीं उसका खुदा होता है यारो, यहाँ पर कुछ डॉक्टर्स मरीज मनोज के लिए खुदा बन गए। आपको बता दें मरीज का इलाज बिलकुल मुफ्त किया गया है।
अस्पताल के संथापक डॉ डी. के. गुप्ता का कहना है कि हम लोगों की सेवा करने के मकसद से डॉक्टर बने हैं। इलाज के बाद जब लोग ठीक हो जाते हैं तो जितनी खुशी मरीज को मिलती है उतनी है अस्पताल को मिलती है और वो मरीजों का इलाज पूरी तन्मयता के साथ में करते हैं ताकि उनके पेशेंट जल्द से जल्द स्वस्थ हो सके।