डॉ.वेद प्रताप वैदिक का निधन हिन्दी जगत की गहरी क्षति : अनिल आर्य

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Ghaziabad: बुधवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में "मानव जीवन की सार्थकता " विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह करोना काल से 517 वाँ वेबनार था। वैदिक विदुषी डॉ. सावित्री गुप्ता (लक्ष्मी बाई कॉलेज) ने कहा कि ईश्वर ने मानव जीवन हमें परोपकार के लिए दिया है और शक्ति संपन्न मस्तिष्क भी प्रदान किया है इसलिए संपूर्ण ब्रह्माण्ड में मनुष्य सर्वश्रेष्ठ माना जाता है अतः मनुष्य का कर्तव्य है कि वह उस परमात्मा का ध्यान,स्तुति व धन्यवाद ज्ञापन भी करे। परमात्मा के बहुमूल्य उपहार बुद्धि का प्रयोग करते हुए सत्य साहित्य का पठन पाठन करना चाहिए और समाज के अन्य लोगों को भी मार्गदर्शन करना चाहिए यही मानव जीवन की सार्थकता है।हमारे जीवन को बनाने में हमारे माता पिता का अमूल्य योगदान है अतः हमारा भी कर्तव्य है कि वृद्ध अवस्था में उनका ध्यान रखें इसी तरह हमारे गुरु जनों का योगदान रहा उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य बन जाता है। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने सुप्रसिद्ध पत्रकार डॉ.वेद प्रताप वैदिक के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका परिचय 1975 से था जब आपातकाल में मिलने मेरे घर पर आए थे।उनके निधन से पत्रकारिता जगत की, आर्य समाज की व हिन्दी की गहरी क्षति हुई है। वह एक बेबाक निर्भीक पत्रकार थे और अपनी बात खुल कर कहते थे। डॉ.वीना गौतम व पूजा सलूजा ने भी मानव जीवन के महत्व व कर्तव्य पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा यह मानव जीवन अनमोल है,हमें अच्छे कर्म करने के लिए मिला है।
गायिका कमला हंस, प्रवीना ठक्कर, कौशल्या अरोड़ा, रजनी चुघ, अनिता रेलन, कुसुम भण्डारी, जनक अरोड़ा, रविन्द्र गुप्ता, विजय खुल्लर आदि के मधुर भजन हुए।