योजनाबद्ध बड़े आंदोलनों के ऐलान के साथ श्रमिकों का राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

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Delhi: सोमवार को महात्मा गांधी की शहादत दिवस पर देश के 10 बड़े श्रमिक संगठनों इंटक,एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी,टीयूसीसी, सेवा,एआईसीसीटीयू,एलपीएफ, यूटीयूसी ने कांन्सिटटशन क्लब एनेक्सी वीपीहाउस नई दिल्ली पर श्रमिकों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीटू के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड तपन सेंन ने केंद्र में मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा अपनाई जा रही गलत नीतियों के कारण देश के श्रमिकों और आम लोगों/ सभी वर्गों के सामने उत्पन्न चिंताजनक स्थिति को रेखांकित किया! उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीतियां न केवल मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और जनविरोधी है। ये नीतियां हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए विनाशकारी साबित हुई है। इन्हीं विनाशकारी नीतियों से देश को बचाने और लोगों को बचाने के लिए आगामी संयुक्त कार्रवाई तय करने के लिए आज मजदूरों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है।
सम्मेलन को सभी संगठनों/ यूनियनों/एसोसिएशनों के राष्ट्रीय नेताओं ने संबोधित किया।सरकार की विनाशकारी नीतियों के खिलाफ क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होकर बड़े संघर्षों के आह्वान के साथ सम्मेलन संपन्न हुआ।
श्रमिक नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि श्रमिकों की पूर्व से चली आ रही 14 सूत्री मांगों को लेकर सम्मेलन में पूरे वर्ष चलने वाले संघर्षों की रूपरेखा तय की गई जिसके तहत मार्च से मई 2023 तक राज्य/ जिला और क्षेत्रीय सम्मेलनों का आयोजन होगा तथा जून 2023 से पदयात्रा, जीफ जत्थे, साइकिल जत्थे, मोटरबाइक जत्थे आदि कार्यक्रम किए जाएंगे जिस का समापन 09 अगस्त को भारत छोड़ो दिवस पर राज्य/ जिला/ क्षेत्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन की बड़ी कार्यवाहियों के साथ होगा तथा वर्ष के अंत में देशव्यापी आम हड़ताल की जाएगी।
सम्मेलन में देश के सभी राज्यों/ जिलों के ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया नोएडा गौतमबुधनगर से सीटू नेता रामसागर, गंगेश्वर दत शर्मा, धर्मपाल सिंह चौहान के नेतृत्व में दर्जनों श्रमिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।